Monika garg

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -12-May-2023#एक दिन बहू का

सुमित की शादी होने वाली थी उसे चिंता सताये जा रही थी ।जब किसी लड़के की शादी होती है तो उसे यही चिन्ता होती है कि पता नही मेरा गृहस्थ जीवन कैसा होगा।पर सुमित को चिन्ता थी तो अपनी मां की।
उसे पता था उसकी मां बहुत ही तेज स्वभाव की है ।घर पड़ोस मे किसी से बना कर नही रखती थी।हर दिन सुमित को मां के लिए कभी किसी से तो कभी किसी के आगे हाथ जोड़ने पड़ते थे। माना संगीत पढ़ी लिखी लड़की थी ।पर अगर सामने वाला अगर खुर्राट हो तो दूसरा व्यक्ति कब तक चुप रहता।
शादी का दिन नजदीक आ गया । सुमित का चिंता के मारे बुरा हाल था ।वह नयी नयी मुलाकात मे संगीत को क्या बताता कि मेरी मां बहुत बुरी है , बहुत लडाकी है।पर अब सुमित कर भी क्या सकता था शादी हो गयी ।पहली रात जब संगीत सज धज कर फूलों की सेज पर बैठी थी तो सुमित कमरे मे आया ।अब भी उसका मुंह उतरा हुआ था ।यह बात संगीत काफी दिनों से नोटिस कर रही थी ।उसने आज मन कड़ा करके सुमित से पूछ ही लिया,"क्या बात है ? मै आप को पसंद नही हूं क्या? मै काफी दिनों से देख रही हूं आप को कोई चिंता खाये जा रही है।"
सुमित की तो दुखती रग पर हाथ रख दिया हो किसी ने ।वह आंखों मे पानी लाकर बोला,"नही गीतू तुम तो मेरी जान हो और मुझे पता है तुम समझदार भी बहुत हो देखो कैसे तुमने मेरी परेशानी भांप ली ।पर जिसे मेरी बात समझनी चाहिए थी वो अभी तक मेरे चेहरे की परेशानी ना देख पाई।"
संगीत बोली,"आप खुल कर बताइए क्या कहना चाहते है?"
सुमित बोला,"गीतू मै मां की तरफ से परेशान हूं ।मेरी मां का स्वभाव कर्कश है वो जरा सी बात का बतंगड़ बना लेती है । मुझे डर है कही मां तुम्हारे साथ भी कुछ अजीब सा ना कर दे।"
संगीत हंसने लगी और बोली,"बस इतनी सी बात मिस्टर सुमित मुझे शादी से पहले ही पता था कि तुम्हारी मां का स्वभाव तेज है ।मेरे घर के लैग तो मना कर रहे थे कि सगाई तोड़ दो लेकिन मैने जिद करके शादी की है।बस अब तुम एक बात का ख्याल रखना कभी हम सास बहू के बीच मे ना आना ।मांजी जितना भी तुम्हें इमोशनली ब्लैकमेल करे ।आप ये कहना मां तुम जानो और वो जाने।"
सुमित भी असमंजस मे पड़ गया कि ऐसा क्या जादू की छड़ी घुमाये गी गीतू जो मां के स्वभाव को ठीक कर देगी।
अगले दिन संगीत सबसे पहले उठकर नहा धोकर तैयार हो गयी। ताकि मां जी को कोई मौका ना मिले कुछ कहने का तकरीबन सारे मेहमान जा चुके थे इक्का दुक्का वो अगले दिन बहू के हाथ की पहली रसोई खाकर चले गये।
तीसरे दिन संगीत कपड़े धोकर सुखा रही थी तभी उसकी सास बोली ,"क्यों तेरी मां ने तुझे कपड़े कैसे सुखाते है ये भी नही सिखाया।देख कैसे गंदी तरीके से कपड़े सुखाये है।"
सुमित की मां चाहती थी कि वो सामने से कुछ बोलेगी तो मै लड़ूं गी।
संगीत ने हंस कर जवाब दिया ,"कोई नही मां जी उस मां ने जितना सीखाया सो सिखाया बाकि का आप सीखा देना।"
सुमित की मां को अपनी बहू से ऐसे जवाब की उम्मीद नही थी उसने मन मे सोचा था कि बहू को उसकी मां का ताना दूंगी तो अपने आप भड़क जाएगी और मुझे लड़ने का मौका मिल जाएगा।पर उसकी आशाओं पर पानी फिर गया।
ऐसे  ही दो चार दिन मे सुमित की मां कोई ना कोई ताना उसे दे देती थी पर संगीत हर बार टाल जाती थी।अब संगीत को अपनी सास का स्वभाव कुछ कुछ समझ आने लगा था ।वह जितना नरम होती थी उसकी सास उतना हावी होने की कोशिश करती थी।एक दिन किसी बात पर उसकी सास ने पूरे झगड़े का मूड़ बना रखा था । संगीत सुबह सुबह नहा कर किचेन मे जाती थी ।आज वह जैसे ही नहाने के लिए कपड़े लेकर बाथरूम मे जाने लगी उसकी सास पहले ही बाथरूम मे घुस गयी और सिटकनी  लगा कर बैठ गयी।ताकि संगीत समय पर ना नहा सके। बेचारी क्या करती बाहर बैठी रही बाथरूम के ।जब उसकी सास एक घंटे बाद निकली तो संगीत ने यही कहा,"मां जी क्या बात तबीयत ठीक नही है क्या आप की?"उसका इतना कहना था बस सुमित की मां को तो प्वाइंट मिल गया झगड़ा करने का तुरंत चप्पल उतार कर उसे मारने दौड़ी।जैसे ही लह संगीत के उपर हाथ उठाने वाली थी तभी संगीत ने उसका हाथ जोर से पकड़ कर मरोड़ कर पीछे कर दिया और कहा,"देखो इज्जत करती हूं इसका मतलब ये नही है कि आप मारने पर उतारू हो जाएगी अभी जा यही हूं पुलिस मे आप की रिपोर्ट करने।आप को भी पता है आजकल बहूओ की कितनी सुनवाई है ।" यह कह कर संगीत कपड़े बदल कर मुख्य दरवाजे की सिटकनी खोलने लगी तभी सुमित की मां चिल्लाई,"ओ सुमित । क्या भांग खा कर सोया है क्या ?देख ये क्या करने जा रही है।"
सुमित कमरे से ही बोला,"मां तुम जानों और ये जाने ‌मुझे मत घसीटों इस मामले मे ।
सुमित की मां को लगा अब तो बेटा भी साथ छोड़ गया अब क्या करूं? ये बहूरिया तो जेल की चक्की पिसवाए गी।वह दौड़ कर संगीत के पास आयी और उसका हाथ पकड़ कर बोली ,"चल अंदर।"संगीत भी अड गयी बोली,"नही मां जी आप मुझे पहले जमाने की बहू मत समझना मै आजकल के जमाने की हूं । मैंने एक लैटर यहां की लोकल पुलिस को भी दिया हुआ है ।कि अगर मुझे कुछ होता हे तो उसकी जिम्मेदारी मेरी सास की होगी।"
तह कह कर संगीत अपने कमरे मे आ गयी। अंदर सुमित मुंह दबा कर हंस रहा था। संगीत ने उसे चुप रहने का इशारा किया।एक आध दिन के बाद संगीत की सास का रवैया बिल्कुल ठीक हो गया। हां आदत वाले की आदत तो नही जाती उसकी सास बाहर तो लड़ आती थी पर घर मे दोनों सास बहू घी शक्कर की तरह रहती थी ।आज संगीत ने समझा ही दिया अपनी सास को कि सौ दिन सास के हुए तो क्या बहू का एक दिन भी सो दिन पर भारी होता है।

   16
3 Comments

Gunjan Kamal

14-May-2023 06:57 AM

बहुत खूब

Reply

Reena yadav

12-May-2023 11:39 PM

👍👍

Reply